झाबुआ से दिलीप सिंह की रिपोर्ट
झाबुआ। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले की पेटलावद तहसील में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्षेत्र के आदिवासी, किसानों से वादा किया था की झाबुआ, आलिराजपुर और धार जिले के किसानों के खेतों एवं घरों तक नर्मदा का जल पहुंचाया जायेगा और इसके लिये माइक्रो सिंचाई परियोजना प्रारंभ की गई थी। इस योजना के अंतर्गत नर्मदा नदी से पाइपों के सहारे नर्मदा जल लाकर झाबुआ जिले के गांवों तक पानी पहुंचाना था, शिवराज सिंह चौहान ने जब यह घोषणा की थी तब यह सिर्फ चुनावी जुमला और दीवा स्वप्न के समान ही था, लेकिन जब योजना प्रारंभ हुई और अब योजना का काम धरातल पर दिखाई देने लगा है तो लगता है कि इस योजना से झाबुआ जिले के किसानों आदिवासीयों की तकदीर व तस्वीर बदल जायेगी। हालांकी अब शिवराज सिंह केंद्र में कृषि मंत्री है तो प्रदेश में मोहन यादव की भाजपा सरकार है लेकिन मोहन यादव ने भी शिवराज के काम को गति दी है और ये माइक्रो सिंचाई योंजना का काम गति पकड़ने लगा है।
प्राप्त जानकारी अनुसार इस परियोजना के अंतर्गत झाबुआ, पेटलावद, थांदला, सरदारपुर क्षेत्र की चार तहसीलों के 193 गांवों को पाइप के माध्यम से नर्मदा जल मिलेगा। जिसके चलते इन क्षेत्रों में सिंचाई का रकबा दो गुना तक बढ़ जायेगा, इन गांवों की पहाड़ों की चोटियों पर पानी की टंकियाँ बनाई गई है और इनमें पाइपों के द्वारा लाया गया नर्मदा जल भरा जायेगा और फिर वहां से नर्मदा जल गांवों के किसानों के घरों व खेतों तक पानी पहुंचेगा। जिले में 360 किलो मीटर की पाइप लाईन बिछाई जा चुकी है। मुख्य पाइप लाईन 260 किलोमीटर की होगी, धार जिले के चंदनखेडी में पंपिंग स्टेशन बनाया गया है। झाबुआ की चार तहसीलों के अलावा धार जिले की सरदारपुर तहसील के 66 गांवों में भी योजना का पानी मिलेगा जिससे वहां पर 25422 हेक्टेयर जमीन सिंचित हो सकेगी। झाबुआ जिले में इस योजना से 32 हजार हेक्टेयर में सिंचाई की जायेगी। योजना के अंतर्गत टंकियों से मुख्य लाईन जोडने के लिये 2.12 मीटर चैडे पाइप सतह तक डाले जा चुके हे। झाबुआ जिले के दौलतपुरा और खरडू में बड़ी-बड़ी पानी की टंकियां बनाई गई है जिनकी गोलाई का आकार 32 मीटर तक है एवं इन टंकियों में 30 लाख लीटर पानी भरा जा सकेगा और इस घंटे इतना पानी सप्लाई भी किया जा सकेगा। नवापाडा की टंकी से एजनपुरा होता हुआ पानी मेघनगर और थांदला में सप्लाई होगा । दोलतपुरा की टंकी से पेटलावद के झावलिया तक पानी पहुंचेगा और से किसानों के खेतों में पानी छोडा जायेगा। पेटलावद क्षेत्र में माही परियोजना से 22670 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई की जाती है इस परियोजना के प्रारंभ होने से जिले में 57 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी।
माइक्रो सिंचाई के लिये काम कर रही निर्माण एजेंसी नेशनल हाईवे और फोरलेन पर कंपनी के कर्मचारी सुरंग बनाकर पाइप लाईन डालने का काम कर रहे है। कार्यस्थल पर इंजार्च शुभम त्रिवेदी का कहना है कि नर्मदा परियोजना की पाइप लाईन लगभग जिले भर में बिछाई गई है। क्षेत्र के नेशनल हाईवे क्षेत्र में रोड को बिना डेमेज किये इाईवे के निचे से अंडर ग्राउंड पाइप लाईन जेट पुशिंग के टेक्नीकल रूप से बिछाने का काम चल रहा है जिसके लिये जिसके लिये जमीन के अंदर 20 फिट निचे गड्ढा कर 1850 एमएम का पाइप जेट पुशिंग के माध्यम से डाला जा रहा है इस तरह से 30 मिटर लंबे रोड में 1.18 घन मीटर के पाईप हेतु सुरंग बनाई जा कर पाईप लाईन डाली जाने काकाम चल रहाहै। बैतूल-अहमदाबाद फोरलेन में कालिदेवी के समीप भी इसी तरह की तकनिक से पाईप लाईन डाले जायेगे और एक महिने में ये काम पूरा हो जायेगा। दिल्ली से काम करने आये कर्मचारी महबूब आलम का कहना है कि लगभग 5से 6 दिनों में 7 फिट तक पाईप डाले जा रहे है। 15-15 फिट के पाइपों को आपस में जोडते हुए रोड के पार तक ले जाया जायेगा।
इस तरह से माइक्रो उदवहन सिंचाई परियोजना के माध्यम से झाबुआ जिले की चार तहसीलों में नर्मदा का पानी जल्द ही पहुंचने वाला है इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र के किसानों की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल जायेगी। प्रारंभ में जो योजना कोरी दीवा स्वन लग रही थी वो अब धरातल पर अमली जामा पहनते हुए दिखाई देने लगी है। इस से क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर दिखाई दे रही।