विधानसभा चुनाव 2023 : भाजपा की सूची जारी होने के बाद गरमाया माहौल


दिलीप सिंह वर्मा की रिपोर्ट

भोपाल। मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिये आगामी नवम्बर चुनाव होना है। जिसके बाद यह तय हो जायेगा की प्रदेश में एक बार फिर से भाजपा की सरकार बन रही है या फिर कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी! उम्मीद है कि आगामी 10 या 11 अक्टूबर तक विधानसभा चुनावों को लेकर निर्वाचन आयोग अधिसूचना जारी कर देगा! उसके बाद प्रदेश में विधिवत चुनाव प्रचार का काम चालू हो जायेगा। लेकिन अधिसूचना जारी होने के दो माह पहले भाजपा ने मध्यप्रदेश 39 व छत्तीसगढ़ में  21 सिटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर दोनों प्रदेशों में राजनैतिक माहौल गर्मा दिया है। वहीं पार्टीयों को और नेताओं को भी चौंका दिया है। कई नेता जो कि टिकिट की दौड़ में थे उन्हे टिकिट नहीं मिलने से हताशा हात लगी है। तो कई हारे हुए नेताओं को फिर से टिकिट मिलने से प्रसन्नता हुई है। भाजपा ने प्रदेश की 39 सिटों में से 12 सिटों पर एक दम नये उम्मीदवार देकर भी पुराने नेताओं को स्तब्ध कर दिया है! भाजपा की सूचि आने के बाद भाजपा के अंदर खलबली भी मचने लगी है कई नेता पार्टी छोडने में जुट गये है और कांग्रेस में जा रहे है तो कई कांग्रेस की दहलिज पर कदम रख पार्टी से तौल मौल कर रहे है।

कई सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर भाजपा के अंदर विरोध के स्वर भी मुखर हो रहे है। भाजपा की यह ही रणनिति है कि समय रहते यह परख लिया जाये की टिकिट बंटवारे को लेकर प्रदेश में क्या स्थिति है कितना विरोध होगा और फिर किस प्रकार से अंसतोष होने वाले कार्यकर्ताओं को मनाया जा सके। इसके लिये उम्मीदवारों के पास पर्याप्त समय भी रहेगा। मध्य प्रदेश की 46 आदिवासी सिटों में से अभी कुछ ही सिटों पर उम्मीदवार घोषित किये गये है। वही मालवा निमाड़ में कुल 11 सीटों पर उम्मीदवारों की सूचि में नाम आये है। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि जहां पर किसी प्रकार के उम्मीदवार को लेकर लड़ाई झगडा नहीं था और जहां पर हार का मार्जिन 5 से 10 हजार के बिच का रहा है उन सिटों पर हारे हुए उम्मीदवारों पर दोबारा दांव लगाया जा सकता है। इसी प्रकार को आधार बनाकर टिकिटों का वितरण भाजपा ने किया है।

बात करे आदिवासी जिलों की तो प्रदेश के आलिराजपुर, झाबुआ और धार जिलों की कुछ सिटों पर उम्मीदवारों को टिकिट दिया गया है इनमें अलीराजपुर से पूर्व विधायक व भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष नागरसिंह चौहान, झाबुआ से भाजपा जिला अध्यक्ष भानु भूरिया, पेटलावद से पूर्व विधायिका सुश्री निर्मला भूरिया और धार जिले की कुक्षी से प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री जयदीप पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है। घोषित उम्मीदवारों की बात करें तो अलीराजपुर विधानसभा सीट से नागरसिंह चौहान पिछले तीन बार के विधायक रहे लेकिन विगत विधानसभा चुनाव में उन्हे कांग्रेस के मुकेष रावत ने 21962 मतों के बढ़े अंतर से हरा दिया था। अब एक बार फिर भाजपा ने नागरसिंह चौहान पर अपना भरोसा जताया है। इस सिट से कांग्रेस एक बार फिर से मुकेष रावत को टिकिट दे सकती है। ऐसे में यहां पर मुकाबला कड़ा होगा वहीं यहां पर जयस फेक्टर भी हावी रह सकता है। अलीराजपुर जिले की जोबट विधानसभा सीट पर कांग्रेस की कलावती भूरिया ने भाजपा के माधौसिंग डाबर को मात्र 2056 मतो से पराजित किया था। लेकिन कोरोना मेें उनका दुखद निधन हो जाने के बाद यहां पर उपचुनाव हुआ और कांग्रेस से भाजपा में आई सुलोचना रावत ने जीत दर्ज की।

भाजपा ने इस सीट से चुनाव जितने पर सुलोचना रावत को मंत्री बनाने की बात कही थी लेकिन पार्टी उसे पूरा नहीं कर पाई और बाद में सुलोचना रावत गंभीर बीमार हो गई और उनके दिगाम का आपरेशन करना पड़ा जिसके चलते वे आराम पर है। ऐसे मेें इस क्षेत्र से पूर्व विधायक माधौसिंग डाबर को भाजपा ने वन विकास में राज्य मंत्री का दायित्व देकर अपना वर्चस्व यहां स्थापित रखने का प्रयास किया है। अब इस बार इस सीट से माधौसिंग डाबर एक बार फिर से टिकिट मांग रहे है। वहीं सुलोचना रावत के पुत्र विशाल रावत भी यहां से टिकिट मांग रहे है ऐसे में भाजपा यहां पर संतुलन स्थापित कर टिकिट देने की राह तलाश रही है। वहीं कांग्रेस के लिये भी कलावती के निधन के बाद इस सीट पर उम्मीदवार को लेकर टोटा है यहां से अलीराजपुर क्षेत्र के कांग्रेस नेता महेष पटेल, हजरी अजनार, कमरू अजनार, दीपक भूरिया आदि टिकिट की मांग कर रहे है। यह सीट भी कांग्रेस व भाजपा के लिये कांटे की टक्कर वाली रहेगी। देखना होगा यहां पर पार्टीयां किसे अपना उम्मीदवार बनाती है।

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