दिलीप सिंह वर्मा की रिपोर्ट
झाबुआ। मध्यप्रदेश में आदिवासीयों पर उत्पीडन के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे है एक के बाद एक आदिवासीयों पर अत्याचार हो रहे है। सिधि का पेशाबकांड अभी थमा भी नहीं था कि अब प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य झाबुआ में अनुविभागीय अधिकारी ने कन्या छात्रावास की तीन आदिवासी बालिकाओं के साथ अश्लील हरकते करने का मामला प्रकाश में आया है। आज से ही विधानसभा का सत्र शुरु हुआ है और ऐसे में आदिवासीयों पर अत्याचार का मामला दर्ज होने को लेकर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ सकता है।
प्राप्त जानकारी अनुसार अनुविभागीय अधिकारी सुनिल कुमार झा ने रविवार दिनांक 9 जुलाई को नवीन अनुसूचित जनजाति कन्या आश्रम झाबुआ का निरीक्षण किया था और निरीक्षण के दौरान तीन छात्राओं के साथ उन्होनें अश्लील व्यवहार किया था। जिसकी शिकायत लड़कियों ने छात्रावास अधीक्षिका से की थी, मामले में कलेक्टर तन्वी हुड्डा ने सुनिल झा के इस व्यवहार को लेकर उनके खिलाफ आयुक्त राजस्व इंदौर को उनके निलंबन की कार्यवाही हेतु पत्र लिखा था। जिस पर से आयुक्त इंदौर द्वारा आज सुनिल कुमार झा को म.प्र. सिविल सेवा नियम 1965 के नियम 3/1 के उपनियम एक व दो व तीन एवं नियम 3/2 के विपरीत आचरण होने से सुनिल कुमार झा को म.प्र. सिविल सेवा नियम 1965 के नियम 9 के तहत निलंबित कर उनका मुख्यालय झाबुआ से हटाकर जिला बुरहानपुर नियत किया गया है।
वहीं सुनिल कुमार झा के खिलाफ झाबुआ पुलिस थाने में पास्को एवं एट्रोसिटी एक्ट की धारा 354 आय.पी.सी. के तहत अपराध भी पंजीबद्व किया गया है जहां से उन्हे गिरफ्तार कर स्पेशल न्यायालय में पेश किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि सुनिल कुमार झा पर पहले भी रेत खनने मामले में लोगों से बडे स्तर पर रिश्वत खोरी करने के आरोप लग चुके है। झाबुआ जिले में यह पहला मामला है जहां पर किसी राजस्व अधिकारी ने कन्या छात्रावास में आदिवासी छात्राओं से अश्लील हरकत की है।