शिवरात्री महापर्व पर उज्जैन और ओंकारेश्वर में उमड़ेगी लाखों भक्तों की भीड़


उज्जैन। 18 फरवरी को महाशिवरात्री का पर्व है, मध्य प्रदेश के दो ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर उज्जैन और ममलेश्वर ओंकारेश्वर मेें स्थित है। दोनों ही ज्योर्तिलिंगों का बडा महत्व है। उज्जैन मेें शिवनवरात्री महोत्सव भी मनाया जा रहा है और महाकाल लोक भी बन गया है। ऐसे में इस शिवरात्री पर्व पर यहां पांच लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावनाऐं है। वहीं शिवरात्री पर क्षिप्रा नदी के घाटों पर 21 लाख दीप प्रज्वलित किये जा रहे है जोकि गिनिज बुक आफॅ रिकार्ड बनेगा। ऐसी स्थिति में उज्जैन में श्रद्धालुओं की भारी भीड जुटेगी। जिसे देखते हुए प्रशासनिक अमले को उचित व्यवस्थाऐं करना आवश्यक होगी। महाशिवरात्री पर्व पर भगवान का शिव विवाह होगा वहीं मंदिर 44 घंटों तक लगातार दर्शनार्थ खुला रहेगा, जिसमें चार प्रहर की पूजा अर्चना होगी। 

इसी तरह से ओंकारेश्वर स्थिति दो ज्योर्तिलिंग ओकांर और ममलेश्वर महादेव के दर्शनों को भी दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहूंचने का अनुमान है वहीं नर्मदा नदी में भी इस अवसर पर श्रद्धालु डूबकी लगाएगें, इसी बिच ओंकारेश्वर में झूलते पुल का एक सिरे से तार टूटने से यहां पर अव्यवस्था फैल सकती है जिसे देखते हुए प्रशासन को पूर्व से ही अलर्ट रहना होगा। महाशिवरात्री पर्व पर पूरे देश भर में श्रद्धालुगण बडी संख्या में भोलेनाथ के दर्शनों को शिवालयों में जाकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न कर अपनी अपनी मनोकामनाऐं पूर्ण करने के लिये पूजा अर्चना करते है, इस दौरान महादेव को बिल्व पत्र, धतूरा, बेर, काला तिल, जौ, मदार के फूल, ऋतु फल, चढाये जाते है और दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, जल से अभिषेक किया जाता है। 

शिवालयों पर इस अवसर पर आकर्षक सजावटे की जा रही है, कई स्थानों पर मेले भरेगें, भंडारे होगें ओर प्रसादी बांटी जायेगी, भोलेबाबा की सवारीयां नगर भ्रमण पर निकलेगी और लोग ठंडाई, भांग का भी लुफत उठायेगें। बडी संख्या में इस दिन लोग व्रत, उपवास रखते है और भगवान भोलेनाथ के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते है। इस दिन कई स्थानों पर शिवलायों में शिव-पार्वती विवाह के आयोजन भी किये जा रहे है जिसकों लेकर तैयारियों पूरे प्रदेश में जौर शौर से की जा रही है। गांव गांव मेें बोल बम-बम के नारे सुनाई पडेगें।

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