हेरिटेज शराब के अंतर्गत मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले आलिराजपुर और डिडौंरी मेें आदिवासीयों द्वारा बनाई जा रही महुआ फूल की शराब को सम्मिलित किया गया है। जिसके अंतर्गत महुआफूल से बनी इस शराब को होटलो, रेस्तराओं, दुकानों, हवाई जहाज आदि में बेचने का प्लान तैयार किया जा रहा है। इस प्रकार की शराब नीति से आदिवासी जन जीवन को आत्मनिर्भर बनाया जायेगा वहीं रोजगार भी दिया जायेगा तथा सरकार को आमदानी होगी सो अलग।
प्रदेश की नई शराब निति में अब स्कूलों, मंदिरों के 50-100 गज की दूरी पर स्थित शराब दुकानों को हटाने का निर्णय भी लिया गया है, जिसके चलते स्कूलों और धार्मिक स्थलों के आस पास ऐसे मादक पदार्थाे की दुकाने अब संचालित नहीं की जा सकेगी। ज्ञातव्य है कि प्रदेश मेें शराब निति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पहले से ही सरकार के खिलाफ अपना अभियान छेड रखा है और उन्होनें मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चेताया भी है कि अगर इस बार नविन नीति में बदलाव कर सुधार नहीं किये गये तो फिर वे उग्र आंदोलन छेड देगी।
सरकार के ध्यान में यह बात भी होगी ओर इन्ही सब कारणोें को लेकर सरकार नई शराब नीति को घोषित करने में जल्द बाजी नहीं कर रही है लेकिन अप्रेल से पहले नई नीति को लागू करना सरकार को पडेगा। जिसको लेकर तैयारीयां आबकारी विभाग द्वारा की जा रही है सरकार यह प्रयास भी कर रही है कि उसकी नई नीति से सरकार के खजाने पर भी प्रभाव नहीं पडे।